Environment Studies -Part-5
June 18, 2021

- देश के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में यह खेती प्रचलित है जो कि खेती का अवैज्ञानिक तरीका है – झूम खेती
- जैव-विविधता हॉटस्पॉट स्थलों में शामिल है –पूर्वी हिमालय (Eastern Himalayas)
- भारत में जैव-विविधता के ‘ताप स्थल’ (हॉटस्पॉट) हैं – पूर्वी हिमालय व पश्चिमी घाट
- जैव-विविधता हॉटस्पॉट केवल उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में ही नहीं बल्कि पाए जाते हैं – उच्च अक्षांशीयप्रदेशों में भी
- भारत में चार जैव-विविधता हॉटस्पॉट स्थ्ाल हैं। ये हॉटस्पॉट हैं – पूर्वी हिमालय, पश्चिमी घाट, म्यांमार-भारत सीमा एवं सुंडालैण्ड
- भारत में जैव-विविधता की दृष्टि से संतृप्त क्षेत्र है – पश्चिमी घाट
- जैव-विविधता के संदर्भ में भारत में क्षेत्र ‘हॉटस्पॉट’ माना जाता है – अंडमान निकोबार द्वीप समूह
- हॉटस्पॉट शब्दों का सर्वप्रथम प्रयोग वर्ष 1988 में किया – नार्मन मायर्स ने
- जहां पर जातियों की पर्याप्तता तथा स्थानीय जातियों की अधिकता पाई जाती है लेकिन साथ ही इन जीव जातियों के अस्तित्व पर निरंतर संकट बना हुआ है। वह क्षेत्र कहलाता है – हॉटस्पॉट
- सबसे लंबा जीवित वृक्ष है – सिकाया (Sequoia)
- किसी प्रजाति को विलुप्त माना जा सकता है, जब वह अपने प्राकृतिक आवास में देखी नहीं गई है – 50 वर्ष से
- किसी प्रजाति के विलोपन के लिए उत्तरदायी है – बड़े आकार वाला शरीर, संकुचित निच (कर्मता),आनुवांशिक भिन्नता की कमी
- किसी प्रजाति के विलोपन के लिए उत्तरदायी नहीं है –व्यापकनिच(Broad Niche)
- प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधन अंतरराष्ट्रीय संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा विलुप्ति के कगार पर खड़े संकटग्रस्त पौधों और पशु जातियों की सूचियां सम्मिलित की जाती है – रेड डाटा बुक्स में
- ‘रेड डाटा बुक’ अथवा ‘रेड लिस्ट’ से संबंधित संगठन है – आई.यू.सी.एन.
- प्राणी समूह जो संकटापन्न जातियों के संवर्ग के अंतर्गत आता है – महान भारतीय सारंग, कस्तूरी मृग, लाल पांडा और एशियाई वन्य गधा
- सोन चिरैया या महान भारतीय सारंग (Great Indian Bustard), साइवेरियन सारस और सलेटी टिअहरी (Sociable lapwing) अति संकटग्रस्त श्रेणी में, कस्तूरी मृग संकटग्रस्त श्रेणी में और एशियाई वन्य गधा संकट के नजदीक (Near Threatened) श्रेणी में जबकि लाल पांडा शामिल है – संकटग्रस्त श्रेणी में
- गोल्डन ओरिओल, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, इंडियन फैनटेल पिजियन तथा इंडियन सनबर्ड भारतीय पक्षियों में से अत्यधिक संकटापन्न किस्म है –ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
- यद्यपि भारत की जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ रही है, किन्तु पक्षियों की संख्या तेजी से घट रही है, क्योंकि –पक्षियों के वास स्थान पर बड़े पैमाने पर कटौती हुई है, कीटनाशक रासायनिक उर्वकरण तथा मच्छर भगाने वाली दवाओं का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है
- उत्तराखण्ड में जैव-विविधता के ह्रास का कारण नहीं है – बंजर भूमिका वनीकरण
- सड़कों का विस्तार, नगरीकरण एवं कृषि का विस्तार उत्तरदायी कारकों में शामिल हैं – जैव-विविधता के ह्रास के लिए
- वर्ष1975 में यह भारत का अभिन्न अंग बन गया था। इसे वनस्पति शास्त्रियों का स्वर्ग माना जाता है –सिक्किम
- पूर्वी हिमालय के हॉटस्पॉट क्षेत्र में आता है – सिक्किम
- जैव-विविधता के साथ-साथ मनुष्य के परंपरागत जीवन के संरक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण रणनीति जिस एक की स्थापना करने में निहित है, वह है – जीवमंडल निचय (रिज़र्व)
- जैव विविधता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण रणनीति है – जैवमंडल रिजर्व
- वह स्थल जो वनस्पिति संरक्षण हेतु स्वस्थान पद्धति (in-situ) नहीं है – वानस्पतिक उद्यान
- क्रायो बैंक ‘एक्स-सीटू’ संरक्षण के लिए जो गैस सामान्यत: प्रयोग होती है, वह है – नाइट्रोजन
- वनस्पतियों एवं जानवरों की विलुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण उनके प्राकृतिक आवास से पृथक किया जाता है – एक्स-सीटू सरंक्षण द्वारा
- सर्वाधिक जैव-विविधता पाई जाती है – उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों में
- उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों का विस्तार पाया जाता है – 100उ. तथा 100द. अक्षांशों के मध्य
- इन क्षेत्रों में पादप तथा प्राणियों के विकास तथा वृद्धि के लिए अनुकूलतम दशाएं पायी जाती हैं, क्योंकि इसमें वर्ष भर रहता है – उच्च वर्षा तथा तापमान
- किसी निश्चत भौगोलिक क्षेत्र में पाए जाने वाले जीवों की संख्या तथा उनकी विविधता को कहा जाता है –जैव-विविधता
- सर्वाधिक जैव-विविधता पायी जाती है – उष्णकटिबंधीय वर्षा वन बायोम
- प्राणियों और पादपों की जातियों में अधिकतम विविधता मिलती है – उष्ण कटिबंध के आर्द्र वनों में
- जैव-विविधता में परिवर्तन होता है, क्योंकि यह – भूमध्य रेखा की तरु बढ़ती है
- सर्वाधिक जैव-विविधता पाई जाती है – उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में
- शान्त घाटी, कश्मीर, सुरमा घाटी तथा फूलों की घाटी में से सर्वाधिक जैव-विविधता पाई जाती है – शान्त घाटी में
- ‘शान्त घाटी’ अवस्थित है – केरल में
- ‘साइलेंट वैली परियोजना’ जिस राज्य से संबंधितहै, वह है – केरल
- ‘फूलों की घाटी’ अवस्थित है – उत्तराखण्ड में
- आर्द्र क्षेत्रों में जिन्हें रामसर का दर्जा प्राप्त है – चिल्का झील, लोकटक, केवलादेव तथा वूलर झील
- रामसर सूची अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्र भूमियों की सूची है। इस सूची में वर्तमान में भारत के शामिल स्थल हैं – कुल 26 स्थल
- रामसर कन्वेन्शन के अंतर्गत रामसर स्थल है – भोज आर्द्र स्थल
- रामसर सम्मेलन संरक्षण से संबंधित था – नम भूमि के
- वेटलैंड दिवस मनाया जाता है – 2 फरवरी को
- भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय लवणीय आर्द्रभूमि – गुजरात में
- जीवमंडल आरक्षित परिरक्षण क्षेत्र है – आनुवंशिक विभिन्नता के क्षेत्र
- प्रवाल-विरंजन का सबसे अधिक प्रभावी कारक हैं – सागरीय जल के सामान्य तापमान में वृद्धि
- प्रवाल-विरंजन समुद्री तापमान और अम्लता में वृद्धि, वैश्विक ऊष्मन सहित पर्यावरण दबाव के कारण होता है जिससे सहजीवी शैवाल का मोचन और साथ ही घटित होती हैं – प्रवालों की मृत्यु
- जिनमें प्रवाल-भित्तियां हैं – अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, कच्छ की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी